Monday 27 August 2012

आप से पूछा जाएगा

बहुत दिन हुए
कदमों में गिड़गिड़ाते
भीड़ के लोग आएंगे
वो हाथ नहीं फैलाएंगे
अपना हिस्सा बताएंगे !

तान कर मुठ्ठियां
बढ़ रहे हैं लोग
मांग कर नहीं
छीन कर खाएंगे अब
अपने हिस्से की रोटियां
जो आएगा बीच इसके
उसकी बिखेरेंगे बोटियां।

उत्तर तलाश लो अभी
आप से पूछा जाएगा
ठाल्लों की तोंद फैली
महनतकश की पिचकी
क्यों कर है बताइए
गरीब भूखा सोया क्यों
जुर्म खोल कर जताइए?
 
भोली बकरी
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सुन
भूखी-भोली
नादान बकरी
आएगा कोई
दर तेरे
आ कर
तुम्हें चराएगा !

तूं बहुत भोली है
चर ले
चाहे जितना
चरना है
आखिर तो
तुझको मरना है !

पेट की खातिर
तुम ना बोली
भेंट की खातिर
वो तो बोला है
भर ले पेट
जितना भरना है
आखिर तो बकरी
तुझको मरना है !

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