Tuesday 28 August 2012

आदमी और भगवान

सब कुछ
कर सकता था
संवेदनशील आदमी
कुछ न कर पाया
यहां तक कि
अपना विश्वास तलक
जमा नहीं पाया
आदमी
पत्थर हो गया
पत्थर
हो गया भगवान
भगवान
दिखता नहीं
करता है मगर
सब कुछ
है विश्वास सबको !
देश तुम से नहीं
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नेता जी गरजे
देश आजाद है
तुम नहीं
क्यों कि तुम
देश नहीं हो !
सुन लो
कान लगा कर
देश तुम से नहीं
हम से है
हम, तुम से नहीं
दम से हैं !
वोट ले कर आए हैं
वोट की कीमत
अदा की है
तुम ने भी
वोट डाल कर
अपनी ड्यूटी
अदा की है !
अब तुम
अपने घर जाओ
काम करो और खाओ
हमें राज करने दो
राज-काज में बाधा
अपराध है संगीन
मारे जाओगे !
अब सुनो !
बार-बार तुम
मांग पत्र ले कर
मत आया करो
मांग भरना
हमारा काम नहीं
हम तो राजा हैं
कोई दूल्हे राजा नहीं !

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