Thursday 27 September 2012

म्हारी दोय राजस्थानी कवितावां

आओ आपां बात करां

=================

आओ !
आपां बात करां
छोटै-छोटै मुंडां
बडी-बडी
बात करां !


ऐकर फ़ेरूं
गोरधन नै
चिटूली माथै ऊंचां
किरसन नै उडीक्यां बिन्यां
कंसां नै मारां !
महाभारत सारू
त्यार खडी़
अपघात्यां री फ़ोजां नै
धूड़ चटावां !
आओ !
आपां बात करां
छोटै-छोटै मुंडां
बडी-बडी
बात करां !


सत्ता हथियावण
बेमेळ भेळा होयोडा़
भूपत्यां नै बकारां
सत्ता री दरोपती रो
चीर हरण होवण सूं पै’ली
लाज बचावां !
आओ !
आपां बात करां
छोटै-छोटै मुंडां
बडी-बडी
बात करां !


चौपड़ माथै
पास्सा फ़ैंकतै धरमराज नै
हारण सूं पै’ली उठावां
कौरवां नै समझावां
अर
पांडवां नै पांच गांव दिरावां !
आओ !
आपां बात करां
छोटै-छोटै मुंडां
बडी-बडी
बात करां !

============
आपां काईं करस्यां
===========


जद भैंरूं जी
सवामणी री परसादी
जीम’र भी
जे साध नी पूरी तो
आपां उण टैम काईं करस्यां ?


दारू रो
पूरो गेळण गटक
समूळो बकरियो भख
माताजी नी तूठ्या
अर
हड़मानजी री देवळी री
इक्कीस फ़ेरयां रै बाद भी
हड़मान बाबै
भूत नीं काढ्यो तो
आपां उण टैम काईं करस्यां ?


डोरा-मादळिया
अनै सात-सात झाडां रै बाद भी
मल्लू बरडा़वणो नीं छोड़्यो
देवळ्यां साम्हीं
झडू़लो उतारयां पछै भी
जे गोरियै
हकळावणों नीं छोड्यो
अर मंगळियै रै गोमदै
खोडा़वणो नी छोड्यो तो
आपां उण टैम काईं करस्यां ?


आपां रै साथै ई
देई-देवता
पित्तर-भोमियां
डाकण-स्याकण
डोरा-मादळिया
झाडा़-टूणां ई जे
आगलै सईकै पूगग्या तो
आपां उण टैम काईं करस्यां ?

Saturday 8 September 2012

ताऊ जी का दिल्ली में राजस्थानी कविता पाठ

हिन्दी अकादमी , दिल्ली व कला,संस्कृति एवम भाषा विभाग, दिल्ली सरकार की और से नई दिल्ली के विद्या भवन में 6-7 सितम्बर 2012 को आयोजित  भारतीय भाषाओं के समागम "भारतीय कविता बिम्ब " में मेरे ताऊ जी श्री ओम पुरोहित "कागद" ने राजस्थानी भाषा का प्रतिनिधित्व करते हुए राजस्थानी कविता पाठ किया । इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि थे नन्द भारद्वाज जी !



"भारतीय कविता बिम्ब " में भारतीय भाषाओं के 22 कवियों ने भाग लिया ! डा.बलदेव वंशी,विष्णु खरे,नन्द भारद्वाज ,लालित्य ललित ,मदन कश्यप, विमल कुमार,सूरजपाल चौहान , इन्दिरा मोहन ,डा.बालस्वरूप राही, डा, हरमोहिन्दर सिंह बेदी, डा, गंगा प्रशाद विमल ,श्रीमती अल्का सिन्हा एवम [हिन्दी], डा.एच.के.कौल [अंग्रेजी], इकबालशहर[उर्दू],डा. जे.शेरिफ़ [तेलगु] ,अमरजीत घुम्मण [पंजाबी] , शुभाशीष भादुडी [ बांग्ला] , ओम पुरोहित "कागद"[राजस्थानी ] , मनप्रसाद सुब्बा [नेपाली ] ,प्रतिभा नन्द कुमार [कन्नड़] , डा. रशीद मीर [गुजराती ] , डा. एन.चन्द्रशेखरन [तमिल] , डा.अनुपम निरंजन उजगरे [मराठी], विनोद असुदानी [ सिंधी],मोहन सिंह [डोगरी] , डा, सैयद सिराजुद्दीन अज़मली [उर्दू], डा. सोनिया सिरसाट [कोंकणीं] , मोईराड़ थेम बरकन्या [मणिपुरी] , शेफ़ाली वर्मा [मैथिली] , श्रीकृष्ण सेमवाल [संस्कृत] , वी , के.जोशी [अंग्रेजी],सुशी गायत्री बाला पण्डा [ ओडिया] , अरविन्द राव [कन्नड़] , बृजनाथ बेताब [कश्मीरी] सुरजीत जज [पंजाबी] सुशी लीला ओम चैरी [मलयालम ] ने चार अलग-अलग गोष्ठियों मे अपनी कविताओं का पाठ किया ।