Tuesday 25 December 2012

अविचल पहाड़

खड़ा था पहाड़
अटल-अविचल
नभ को नापता
सूरज को तापता
आंधियों ने
वो अविचल पहाड़
हिला दिया
काट-तोड़-फोड़
हवाओं ने वो पहाड़
मिट्टी में मिला दिया !

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